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Self-Motivation Tips in Hindi- How to Develop Self-Motivation in Hindi

Self-Motivation tips (Hindi) मे आपको सीखने को मिलेगा की motivate कैसे होते है और motivate होने से हमारे जीवन मे क्या क्या लाभ देखने को मिलते है। self-motivation एक तरह की दृढ़ इच्छा है, जिसके चलते आप आपने आपको एक सीमा तक लेकर जाते है, उसके बाद आपका एक नया रूप निकल कर आता है। जब आप comfort zone मे होते है तब आप अपने आपको motivate नहीं कर सकते है।

Self-Motivation हर जगह काम करता है, चाहे वो school, college, office या workplace। सेल्फ-मोटिवेशन से कुछ भी अचीव किया जा सकता है। ये आपको कुछ करने के लिए पुश करता है, और ये desire आपको अपने ही अंदर मिलती है।

Self-Motivation Tips in Hindi
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What is Self-Motivation (Tips in Hindi)?

सफलता प्राप्त करना आपके attitude, Self-Motivation, persistence और नई चीजों की कोशिश करने की इच्छा सहित कई कारकों पर निर्भर करता है। ये शायद सबसे महत्वपूर्ण एक है क्योंकि यह निर्धारित करेगा कि क्या आप जो भी प्रयास करना चाहते हैं उसके साथ सफल होंगे या नहीं। आप देखें, self-motivation को आपके intrinsic motivation के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो मूल रूप से आपकी आंतरिक ड्राइव है और सही काम करने की इच्छा है। दूसरे शब्दों में, Self-Motivation आपकी खुद की आंतरिक ड्राइव है और सफल होने की इच्छा। दूसरे शब्दों में, आत्म-प्रेरणा आपकी आंतरिक ड्राइव होगी और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सफल होने की इच्छा।

Self-Motivation Tips in Hindi

Motivation दो प्रकार से हासिल किया जा सकता है, पहला intrinsic motivation और दूसरा extrinsic motivation। दोनों ही प्रकार के मोटिवेशन मे आप अपने आपको energies फ़ील करते है। बस फर्क इतना ही होता है कि intrinsic motivation काफी समय तक रहता है और extrinsic motivation कुछ समय तक ही। दोनों ही अपने आप मे एक तरीके के motivation मे ही count होंगे।

खुद को motivate करने के कुछ तरीके होते है जिन्हे हमे सीखना ही चाहिए। इनको आप फॉलो करके अपनी लाइफ को अच्छे ढंग से बिता सकते है।

How to Motivate Yourself (Self-Motivation)?

Positivity

Positivity एक lifeline है life की, अगर आप positive नहीं है दुनिया का कोई भी काम आप नहीं कर पाएंगे। ये आपके अंदर से ही आती है, और आपके बाहर के environment को कंट्रोल करती है। जितना पाज़िटिव आप सोचेंगे उतना ही पाज़िटिव आप होते ही चले जाएंगे। सेल्फ मोटिवेशन मे आपको नेगटिव चीजों से अपने आपको बचाना होता है और पाज़िटिव चीजों को अट्रैक्ट करना होता है। Positivity equivalent होती है निकाली गई negativity के।

जितनी negativity आपके brain मे होगी उतना ही काम स्पेस आप पाज़िटिव चीजों को दे पाएंगे। स्कारात्मकता आपके माइन्ड्सेट को चेंज कर देती है। ओर जैसा माइन्ड्सेट होता है आप का ब्रेन भी ववैसे ही react करता है। Positive, Positive को attract करता है जिसकी वजह से आपकी लाइफ मे पाज़िटिव ही होता चला जाता है। ला ऑफ अट्रैक्शन के अनुसार भी यही बताया गया है की अगर आप पाज़िटिव सोचेंगे तो आपका confidence बढ़ता है जिससे आप सही फैसले ले पाते है और पाज़िटिव चीजों को अपनी तरफ आकर्षित कर पाते है।

Enjoy the Struggle     

कई बार हम motivate होने के लिए हमेशा जीत या खुशी ही expect करते है। ऐसा नहीं है, Self-Motivation के लिए सिर्फ खुशी की जरूररत नहीं होती है, अगर आप struggle phase मे है तब भी आप अपने आपको motivate कर सकते है। अगर देखा जाए तो Motivation तब ही मिलता है जब आप struggle कर रहे हो या फिर परेशान हो, Self-Motivation ऐसे हालात मे ही ज्यादा काम करता है।

हमे struggle को enjoy करना चाहिए और मेहनत को फर्स्ट priority देनी चाहिए। Self-Motivation के लिए आपका ये स्टेप जिसमे आप सोचते है कि लाइफ आपका exam ले रही है और आपको बढ़ चड़ कर हिस्सा लेना है तब जाकर आप अपने आपको, और अपने होने को justify कर पाएंगे। हौसला टूटना नहीं चाहिए, हौसला ही Self-Motivation का एक important part है।

Check Your Environment

सबसे बड़ी चीज जिसे हम नजरंदाज कर देते है वो है हमारा आसपास का Environment. Environment की भूमिका बहुत ज्यादा होती है क्योंकि जैसा आप अपने आसपास होते हुए देखते है वैसा ही आप सीखते है और वैसा ही आप करते है। Environment की भूमिका मे कुछ और हिस्से भी है जिन्हे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है जैसे की आपके आसपास के लोग।

आपकी Self-Motivation की journey मे आपके ब्रेन मे वही सब इकठ्ठा होता रहेगा जैसा आप सोचेंगे ओर जैसा आप करेंगे। Self-Motivation के लिए environment का boost मिलना बहुत जरूरी है। सोच समझ कर अपने आसपास के लोगों को चुनना चाहिए क्योंकि वो भी आपके जीवन का एक अहम हिस्सा होते है।

 Mindset

माइन्ड्सेट का Self-Motivation का important रोल होता है, चुकी माइन्ड्सेट आपकी आंतरिक व्यवस्था है चीजों के प्रति react करने की। जैसा माइन्ड्सेट होता है वैसे ही आप बन जाते है। अपने आपको मजबूत रखने के लिए अप्पक स्ट्रॉंग होना बहुत जरूरी है। लाइफ मे जब भी प्रॉब्लेम आती है तो आप अपने माइन्ड्सेट से उसे deal करते है। जितना ज्यादा स्ट्रॉंग माइन्ड्सेट होगा, उतनी पावर से आप प्रॉब्लेम से लड़ पायेंगे। माइन्ड्सेट आपके Self-Motivation की नीव है। तो, हमेशा ही अपने आपको स्ट्रॉंग रखने की जरूरत है।

Surrounded by the Positive People  

पाज़िटिव लोग आपका मार्गदर्शन करने मे बहुत हेल्प करते है, और पोजिटिविटी से ही आपके अंदर पोजिटिविटी आती है। अगर आप पाज़िटिव लोगों के आसपास रहेंगे तो आपको नेगटिव सोचने का वव्यक्त भी नहीं मिलेगा। जब भी हम किसी प्रॉब्लेम मे होते है तो हमारी हेल्प के लिए दो चीजे जरूरी होती है पहली confidence और दूसरी आपका साहस। दोनों ही जरूरी है।

How to Achieve Self-Motivation?

आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास और प्रेरणा भी सभी परस्पर जुड़े हुए हैं। आपके आत्म-प्रेरणा के स्तर और आपके आत्मविश्वास के स्तर का सीधा संबंध आपके आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास के स्तर से है।

यदि आपके पास आत्मविश्वास का एक मजबूत स्तर है, तो आप अपने लक्ष्यों के लिए कठिन प्रयास करने के लिए प्रेरित महसूस करने की अधिक संभावना रखते हैं। दूसरी ओर यदि आपमें आत्मविश्वास की कमी है, तो आपको उन चुनौतियों से हतोत्साहित होने की संभावना है जो आपको रास्ते में सामना कर सकती हैं।

यदि आप मजबूत आत्मसम्मान से प्रेरित हैं, तो आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए खुद की मदद करने के लिए सकारात्मक सोच का उपयोग करने की अधिक संभावना रखते हैं। सकारात्मक सोच एक प्रकार की गतिविधि है जिसे हम सभी नियमित रूप से करते हैं।

सकारात्मक सोच आत्म-प्रेरणा के लिए एक शक्तिशाली प्रेरक हो सकती है, क्योंकि यह हमें ऐसा महसूस कराती है कि हम सफल हो सकते हैं चाहे कोई भी हो। यह हमें यह विश्वास दिलाता है कि हम अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चीज़ को दूर कर सकते हैं।

एक और तरीका है कि हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में स्व-प्रेरणा (Self-motivation) का उपयोग कर सकते हैं, लक्ष्य निर्धारण के माध्यम से। लक्ष्य सेटिंग एक अन्य गतिविधि है जिसे हम सभी दैनिक आधार पर संलग्न करते हैं। हम सभी लक्ष्य निर्धारित करते हैं जो हमें उनके प्रति प्रगति के लिए प्रेरित करते हैं। यह आत्म-प्रेरणा के लिए समान है; यह वह जगह है जहाँ हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए खुद को प्रेरित करते हैं। लक्ष्य निर्धारण हमें अपने लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए छोटे कदम उठाने में मदद करता है।

Conclusion

अंत में, यदि आप स्व-प्रेरणा (Self-motivation) विकसित करना चाहते हैं, तो आपको सकारात्मक सोच में संलग्न होना होगा। सकारात्मक सोच में संलग्न होने से हमें अपनी स्थिति के बारे में अच्छा महसूस होता है और यह हमें उन चीजों को करने का आत्मविश्वास देता है जो हमें सफल होने के लिए करने की आवश्यकता होती है। यह हमें इस बात से भी अवगत कराता है कि सफल होने के लिए हमें परिपूर्ण नहीं होना है।

हमें यह याद रखना है कि एक आदर्श व्यक्ति जैसी कोई चीज नहीं है। हर किसी के अपने गुण होते हैं जिन पर उन्हें गर्व होता है और इन गुणों का उपयोग करके अपने लाभ के लिए, हम अपने सफल होने की संभावनाओं में बहुत सुधार कर सकते हैं।       

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