अश्वगंधा के फायदे-अश्वगंधा आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली एक ख़ास औषधि है। यह जड़ी -बूटी अनेक रोगों के इलाज में कारगर है। अश्वगंधा के अनगिनत फायदों के कारण आयुर्वेद में इसे बहुत महत्त्वपूर्ण औषधि माना जाता है ओर इसके चमत्कारिक गुणों के कारण इसे बहुत सारी औषधियों में भी मिलाया जाता है। आयुर्वेद में कई सारी लाइलाज बीमारियों का इससे इलाज किया जाता रहा है। अश्वगंधा वनों में भी पाया जाता है लेकिन अगर इसकी खुद से खेती की जाए तो उस अश्वगंधा में ज्यादा औषधीय गुण पाए जाते हैं।

अश्वगंधा के फायदे- औषधीय गुण
अश्वगंधा में एंटीऑक्सिडेंट्स व इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करके ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ह्रदय की मांसपेशिया भी मज़बूत बनती हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह लिवर में आयी सूजन को काम करता है और लिवर को डेटॉक्स भी करता है। डॉयबिटीज (डायबिटीज डाइट चार्ट) जैसी लाइलाज बीमारी जिसका एलोपेथी में भी कोई उपचार नहीं है उसको आयुर्वेद में अश्वगंधा से कण्ट्रोल किया जाता है। यह एंटी-ट्यूमर होता है इसलिए कैंसर से बचाव में भी काम करता है।
अश्वगंधा के सेवन से होने वाले फायदे
आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए
आँखें हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आँखों में पर्याप्त रौशनी न होने से कुछ भी अच्छा नहीं लगता। इसके लिए औषधि बनाने के लिए 2 ग्राम अश्वगंधा पाउडर में 2 ही ग्राम आंवला और 1 ग्राम मुलेठी पाउडर मिला लें। अब इस चूर्ण को एक चम्मच सुबह और एक चम्मच शाम को पानी के साथ लेने से आंखों की रौशनी धीरे -धीरे बढ़ने लगती है।
इसके साथ ही आप एक ओर एक्सरसाइज अगर करेंगे तो आपको दुगुनी तेज़ी से लाभ होगा वह यह कि रोज़ सुबह उठते ही मुँह में पानी भरिये और हाथ में पानी लेकर आँखों पर छपके मारिये ऐसा कम से कम 4 -5 बार करिये। ये दोनों चीज़े फॉलो करने से आपको कुछ दिनों में ही अंतर लगने लगेगा।
स्ट्रेस कम करने के लिए
प्राचीन समय से ही अश्वगंधा को स्ट्रेस और एंग्जायटी कम करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसका निश्चित मात्रा में या डॉक्टर की सलाह से सेवन करना चाहिए। जिन लोगों में एनर्जी की कमी होती है और उन्हें हर समय थकान का अनुभव होता रहता है उनके लिए अश्वगंधा फायदेमंद है। यह स्ट्रेस को कम करके दिमागी सक्रियता को बढ़ाता है। अंदरूनी कमज़ोरी को दूर करके मानसिक व शारीरिक स्फूर्ति प्रदान करता है।
सफ़ेद बालों के लिए
अश्वगंधा के फ़ायदों मे से सबसे अच्छा फायदा ये है की ये सफेद बालों को भी कला कर देता है। असमय सफ़ेद बाल होना यह आजकल एक आम समस्या है। इससे बचने के लिए 2 से 4 चम्मच अश्वगंधा पाउडर का नियमित रूप से सेवन करें।
इसके साथ-साथ आप यह भी कर सकते हैं कि एक गिलास पानी में 2 चम्मच अश्वगंधा पाउडर, 1 चम्मच आंवला पाउडर, 1 चम्मच शिकाकाई पाउडर डालकर करीब 5 मिनट उबाले फिर इसे या तो मेहंदी में डालकर लगाए या फिर बिना मेहंदी के ही डायरेक्टली बालों में अप्लाई करें। इससे बाल झड़ना, सफ़ेद होना व बालों की अन्य बीमारियां भी दूर होने लगती हैं।
अल्ज़ाइमर के इलाज में
अश्वगंधा मिश्रित औषधियों का उपयोग अल्ज़ाइमर (भूलने की बीमारी), पार्किंसन, याददाश्त कम होने पर बीमारियों में भी किया जाता है। ये बीमारियां तब होती हैं जब दिमाग के कुछ हिस्से या उससे जुड़े हुए रास्ते क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इस स्थिति में अश्वगंधा हीलिंग करने का काम करता है।
कैंसर के इलाज में
अश्वगंधा का उपयोग आयुर्वेद में कैंसर के इलाज में भी किया जाता है। इसमें ऐसे मिनरल्स और कुछ तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर सेल्स को नष्ट करने का काम करते हैं और समय समय पर इसका सेवन करने से कैंसर सेल्स को बढ़ने से भी रोकते हैं।
गले के रोगों में फायदेमंद
गले के रोगों जैसे गलगण्ड आदि होने पर अश्वगंधा की पत्तियों का लेप तैयार करें और गले पर लगाएं। दूसरा यह कि अश्वगंधा व पुराने गुड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1 ग्राम की गोलियां बनाएं और खाली पेट रोज़ 1 का सेवन करें। ऐसा करने से बहुत जल्दी लाभ मिलता है।
टीबी के रोग में सहायक
अश्वगंधा की जड़ एवं पत्तियां टीबी के रोगियों के लिए लाभकारी है। इसकी जड़ के 2 ग्राम चूर्ण में 5 ग्राम गुड़ व शहद और 1 ग्राम बड़ी पीपल का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से टीबी रोगियों को लाभ पहुँचता है।खांसी होने पर भी इसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
पेट की बीमारियों में सहायक
अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है जो पेट की अधिकतर बीमारियों को दूर करने के लिए उपयोग में लायी जाती है। इसके सेवन से कब्ज़, ऐठन, पेट के कीड़े, पाचन क्रिया में सुधार होता है। कब्ज़ को दूर करने के लिए इसका गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।
ल्यूकोरिया के इलाज के लिए
अश्वगंधा की जड़ को पीसकर इसका चूर्ण बना लें, बराबर मात्रा में धागे वाली मिश्री मिलाये और गाय के दूध के साथ सुबह शाम सेवन करें इससे ल्यूकोरिया रोग ठीक हो जाता है।
गर्भधारण में सहायक
250 ml गाय के दूध में 20 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण व 1 लीटर पानी डालकर इसे धीमी धीमी आंच पर पकने के लिए रख दें और जब पकते -पकते इसमें केवल दूध शेष रह जाए तब इसमें 6 ग्राम धागे की मिश्री और 6 ग्राम गाय का घी मिला लें। इस मिश्रण का मासिक धर्म का शुद्धिस्नान हो जाने के तीन दिन बाद से, तीन दिन तक सेवन करने से यह गर्भधारण में सहायक होता है।
दूसरा आप यह कर सकते हैं कि अश्वगंधा पाउडर को गाय के घी में मिलाएं और मासिक धर्म ठीक हो जाने के बाद अगले दिन से ही 4 से 6 ग्राम गाय के दूध या पानी के साथ इसका सेवन करने से यह गर्भधारण करने में सहायक होता है।
त्वचा रोगों में लाभकारी
त्वचा पर कील -मुँहासे आ जाने पर अश्वगंधा की पत्तियों में आड़ू की पत्तियां पीसकर लगाने से कील-मुँहासे ठीक हो जाते हैं। चेहरे पर झाइयां हो जाने पर भी यह कारगर है।
ज्वरनाशक
2 ग्राम अश्वगंधा के चूर्ण में 1 ग्राम गिलोय जूस मिलाकर शाम को गुनगुने पानी से लेने पर बुखार ठीक हो जाता है।
अश्वगंधा खाने में सावधानियां
अश्वगंधा के फायदे के साथ साथ कई नुकसान भी होते है, जिस व्यक्ति की प्रकृति गरम होती है उसे अश्वगंधा का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए। अश्वगंधा के ज़्यादा सेवन से डायरिया, घबराहट, पेट अपसेट होना, पाचन तंत्र में गड़बड़ी ऐसे समस्याएं देखी जा सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए।
क्यूंकि इससे प्री डिलीवरी होने की संभावना रहती है। जिन लोगों को ब्लड प्रेशर हाई रहता है उन्हें चिकित्सक की सलाह से इसका सेवन करना चाहिए। जिन्हे लो बीपी रहता है वह इसका सेवन न करें। अश्वगंधा का इस्तेमाल अच्छी नींद लाने के लिए भी किया जाता है पर लम्बे समय तक सेवन करने से व्यक्ति इसका आदि हो सकता है जिससे ऐसा भी हो कि नींद ही ना आये या काफी दिक्क्त हो। अश्वगंधा के ज़्यादा इस्तेमाल से इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है, जी मिचलाना, उलटी- दस्त, पेट दर्द जैसी शिकायतें हो सकती हैं।
महिलाओं के लिए अश्वगंधा के कुछ ख़ास फायदे
1 . जिन महिलाओं को किसी तनाव या किसी भी वजह से गुस्सा बहुत आता है अश्वगंधा का सेवन उनके लिए बहुत अच्छा है। यह गुस्सा शांत करके मानसिक शान्ति प्रदान करता है।
2 . महिलाओं में एंग्जायटी तथा स्ट्रेस होना एक कॉमन बात है। यह इन चीज़ों को कम करने में काफी हेल्पफुल होता है।
3. यह महिलाओं में होने वाले ओवेरियन कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर देता है।
4. अश्वगंधा ब्रैस्ट कैंसर के खतरे को कम करता है।
अश्वगंधा के फायदे अनेक है, चुकी ये एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे हमेशा चिकित्सक की सलाह पर ही लेना चाहिए। आयुर्वेदिक औषधियों के भी दुष्परिणाम हो सकते है जिन्हे बाद मे जाकर पता नहीं लगे जा सकता है।
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