वास्तु शास्त्र के अनुसार घर- आज के दौर में अधिकाँश लोग अपना घर सुन्दर बनाने के साथ-साथ हर तरह से सुरक्षित भी चाहते हैं फिर चाहे वह किसी बाहरी सॉर्स से सुरक्षा की बात हो या वास्तुदोष से बचने की बात हो। बहुत लोग वास्तुशास्त्र को मानते हैं और बहुत नहीं भी मानते। लेकिन यकीन मानिये यह कोई मनुष्य का गढ़ा मनगढंत नहीं हैं। जब आप अपने भवन निर्माण में अपनी पूँजी या पूँजी का कुछ हिस्सा लगा ही रहे हैं तो क्यों न उसे हर तरह से सुरक्षित किया जाए।

अन्ततः हम जितनी कोशिश कर सकते हैं या जितना हम जानते हैं उतना तो कर ही सकते हैं क्यूंकि घर बार -बार नहीं बनाये जाते। आपने अपने भवन निर्माण में पैसा भी खूब लगाया और उसे अपने सपनो का घर बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन वहाँ आपको शांति नहीं मिलती सुकून नहीं मिलता उस घर में, नेगेटिविटी महसूस होती है या कुछ न कुछ बुरा होता ही रहता है या आपका कोई काम ही नहीं बनता, परिवार जनों के मध्य प्रेम नहीं है या आपको ऐसा महसूस होता है कि जब से आपने इस घर में शिफ्ट किया है कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा तो यकीन मानिये यह वास्तुदोष हो सकता है वास्तु दोष मतलब उचित जगह पर उचित चीज़ न बनना।
पूरी तरह से वास्तु दोष दूर करना थोड़ा कठिन रहता है क्यूंकि उसमे दिशा, कोण आदि मानक परखे जाते हैं लेकिन कुछ बेसिक चीज़े हैं जिन्हे ध्यान में रखकर आप बड़ी गलतियां करने से बच सकते हैं। ये कुछ ऐसे चीज़े हैं जिनका ध्यान रखकर आप अपना घर बनवाते समय अपने घर को काफी हद तक या पूरी तरह से दोषमुक्त बनवा सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर ये कुछ पॉइंट्स हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए
1. घर का नक्शा
2. मुख्य द्वार की दिशा
3. दीवारों का रंग
4. पानी का स्टोरेज
5. पूजा-घर की दिशा
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सबसे पहले बात करते हैं घर का नक्शा कैसा होना चाहिए? घर का नक्शा आप अपनी पसंद और सुविधा के हिसाब से बनवा सकते हैं। हर किसी के घर का नक्शा डिफरेंट होता है बस कुछ पर्टिकुलर चीज़ों का ध्यान आपको रखना होगा। घर का नक्शा आपके घर की मुख्य दिशा के हिसाब से अलग-अलग होते हैं।
मान लीजिये किसी का घर पूर्व मुखी है तो उसका नक्शा अलग प्रकार से बनाया जाता है पश्चिम मुखी है तो उसका अलग प्रकार से। इसी तरह अलग अलग दिशामुखी घर के नक़्शे बनाते समय विभिन्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. पूर्वमुखी घर का नक्शा
इस मुख वाले घर में उत्तर-पूर्व दिशा में बाथरूम, सीढ़ियाँ और बैडरूम नहीं होना चाहिए। इस दिशा में अपने घर का डस्टबिन भी न रखें। इस दिशा में आपको ड्राइंग रूम और वाटर टैंक बनवाना चाहिए इससे घर में कभी पानी की कमी नहीं होगी।
अगर आपका किचन दक्षिण-पूर्व में है तो खाना बनाते समय आपका मुँह पूर्व दिशा में रहना चाहिए मतलब आप अपना स्टोव पूर्व दिशा में रखें। और अगर किचन उत्तर पश्चिम में है तो मुँह पश्चिम की तरफ होना चाहिए। पूर्व मुखी घर में उत्तर दिशा वाली दीवार बाकी दीवारों से पतली और छोटी होनी चाहिए। उत्तर -पश्चिम दिशा में गेस्ट रूम बनवाएं। यही दिशा आपके मास्टर बैडरूम के लिए भी सर्वोत्तम है।
2. पश्चिममुखी घर का नक्शा
सबसे पहले तो यह जान लें कि कोई भी दिशा घर बनाने के लिए अशुभ नहीं होती बस उसका वास्तु सही होना चाहिए। यह एक मिथ है कि पश्चिम और दक्षिण दिशा भवन निर्माण के लिए अशुभ होती है। अगर आप उत्तर या पूर्व में घर बना रहे हैं लेकिन उसका वास्तु सही नहीं है तो वह अशुभ होगा।
कहने का तात्पर्य यह है कि कोई भी घर का शुभ या अशुभ होना उसका वास्तु पर निर्भर करता है न कि उसकी दिशा पर। हाँ इतना ज़रुर है कि उत्तर या पूर्व दिशा की अपेक्षा पश्चिम या दक्षिण में घर बनाते समय आपको थोड़ी और सतर्कता और सावधानी की ज़रुरत होती है।
अगर आपका घर पश्चिम मुखी है तो पानी की निकासी के लिए नालियां उत्तर – पूर्व की ओर रखें।उत्तर और पूर्व दिशा में विंडोज बनवाएं ताकि पॉजिटिव एनर्जी आती रहे। यह ध्यान रहे कि घर के बीचों-बीच सीढ़ियां या कोई खम्बा न हो। घर हमेशा वस्तु के हिसाब से बनवाएं। सीढ़ियां, पूजा घर, ड्राइंग रूम, बैडरूम, किचन, बाथरूम, आँगन सब वास्तु के हिसाब से सही जगह पर होना चाहिए।
3. उत्तरमुखी मकान का नक्शा
वैसे तो उत्तरमुखी घर को बहुत अच्छा माना जाता है पर अगर यही वास्तु के हिसाब से न बने तो दुखदायी भी हो सकता है। उत्तरमुखी घर में मुख्य द्वार पूर्व में अधिक बढ़ा हुआ होना चाहिए। उत्तर-पश्चिम दिशा में वॉटर टैंक, बोरिंग इत्यादि न करवाएं इससे वास्तुदोष उत्त्पन्न हो जाता है।
उत्तरमुखी ज़मीन में पश्चिम दिशा में ज़्यादा जगह छोड़ना वास्तु के हिसाब से अच्छा नहीं होता इसकी वजह से घर के पुरुषों को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियों से गुज़रना पड़ता है।इस दिशा के घर का मुख्य द्वार उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। भूमिगत पानी के स्त्रोत पूर्व, उत्तर या ईशान कोण में बनवाएं।
4. दक्षिणमुखी घर का नक्शा
बहुत सारे मत इस बात का समर्थन करते हैं कि दक्षिण मुखी घर अशुभ होता है क्यूंकि दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है लेकिन अगर आपका घर दक्षिण दिशा में है तो आप सही वास्तु करके अपने घर के वास्तुदोष को दूर कर सकते हैं। किचन दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाये और खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा में रहना चाहिए।
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